दिल्ली से सटी अरावली पहाडि़यों में ट्रेकिंग, कैपिंग और रॉक क्लाइबिंग करने के लिए अनेक उपयुक्त स्थान हैं। सितंबर से अप्रैल तक यहां ऐसी गतिविधियों का सुखद अनुभव किया जा सकता है।

दमदमा

बात करें दमदमा की। यहां से धौज की ओर ट्रेकिंग करने वालों को नाव से झील पार करनी पड़ती है। किसी-किसी ट्रेकिंग दल के सदस्य झील के किनारे एक दिन का कैंप लगाते हैं और फिर सवेरे-सवेरे अपने भ्रमण पर निकल पड़ते हैं। हां, यदि झील के रास्ते से नहीं जाना हो तो काफी घूमकर जाना पड़ता है। धौज के समीप बडखल झील और सूरजकुंड हैं। ट्रेकर्स चाहें तो वहां पहुंच कर भी ट्रेकिंग समाप्त कर सकते हैं। इस सुंदर झील के किनारे हरियाणा टूरिज्म का कॉम्पलेक्स बना हुआ है। यहां ठहरने और खाने-पीने का उचित प्रबंध है। कुछ शुल्क देकर झील में मछलियों का शिकार और नौका भ्रमण किया जा सकता है।
रॉक क्लाइबिंग
धौज क्षेत्र में भी नूंह तहसील के पहाड़ी क्षेत्र की तरह रॉक क्लाइबिंग के अनेक स्थान हैं। यहां भी एक-दो या अधिक दिनों के लिए कैंप लगाए जा सकते हैं। वीरान और बीहड़ इस क्षेत्र में ऊंट पर सवार कोई राहगीर कभी-कभी मिल जाता है परंतु पानी नहीं। अपने खान-पान की व्यवस्था करके चलना होता है। सुगमता से चलते-चलते और शाम होने से पहले ट्रेकर्स धौज पहुंच जाते हैं। यदि धौज में भी एक दिन का कैंप लगाना हो तो अंधेरा होने से पहले पानी की व्यवस्था करनी होती है। धौज से शहरी कोलाहल अधिक दूर नहीं है जहां से ट्रेकर्स अपने-अपने घर जाने के लिए एक दूसरे से विदा ले लेते हैं।
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